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डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) - भारत में साइबर ठगी का नया तरीका
डिजिटल अरेस्ट क्या है?
डिजिटल अरेस्ट साइबर ठगों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली एक नई तकनीक है जिसमें पीड़ित को यह विश्वास दिलाया जाता है कि उसे किसी गंभीर अपराध के लिए "वर्चुअली गिरफ्तार" कर लिया गया है। धोखेबाजों द्वारा लगाए गए आरोपों को हटाने के लिए उन्हें पैसे भेजने के लिए धमकाया जाता है| ठग खुद को पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी या आयकर विभाग के अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करते हैं।
डिजिटल अरेस्ट कैसे काम करता है?
- फोन कॉल/व्हाट्सएप कॉल: ठग पीड़ित को फोन करके दावा करते हैं कि उनके नाम से कोई अवैध गतिविधि हुई है।
- डराना-धमकाना: पीड़ित को बताया जाता है कि उन पर मनी लॉन्ड्रिंग, ड्रग तस्करी या आतंकवाद से जुड़े मामले हैं।
- वीडियो कॉल पर "अरेस्ट": पीड़ित को वीडियो कॉल पर "डिजिटल अरेस्ट" में रखा जाता है और कहा जाता है कि वे कहीं जा नहीं सकते।
- पैसे की मांग: ठग पीड़ित से बड़ी रकम की मांग करते हैं ताकि उन्हें "गिरफ्तारी" से बचाया जा सके।
वास्तविक उदाहरण (Real Examples)
- दिल्ली केस: एक महिला को 8 घंटे तक वीडियो कॉल पर रखा गया और 1.5 लाख रुपये ठग लिए गए।
- मुंबई केस: एक व्यक्ति से "सीबीआई अधिकारी" बनकर 7 लाख रुपये ठगे गए।
- बैंगलोर केस: "नारकोटिक्स विभाग" के नाम पर 3 दिन तक डिजिटल अरेस्ट में रखकर 25 लाख रुपये ठगे गए।
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें?
रोकथाम के उपाय (Prevention Tips):
- सरकारी विभाग कभी फोन पर पैसे नहीं मांगते: वास्तविक पुलिस/सीबीआई कभी फोन पर जमानत या जुर्माना नहीं मांगते।
- कॉलर आईडी चेक करें: +92 (पाकिस्तान) या अन्य अंतर्राष्ट्रीय नंबरों से आने वाले कॉल्स पर संदेह करें।
- वीडियो कॉल से बचें: अज्ञात व्यक्तियों के साथ वीडियो कॉल न करें।
- पर्सनल डिटेल्स न दें: बैंक डिटेल्स, आधार नंबर, पैन कार्ड जानकारी किसी के साथ साझा न करें।
यदि आप शिकार बन चुके हैं तो क्या करें?
- तुरंत पुलिस को सूचित करें: नजदीकी पुलिस स्टेशन या cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें
- बैंक को सूचित करें: यदि पैसे ट्रांसफर किए हैं तो तुरंत बैंक से संपर्क करें
- फोन नंबर ब्लॉक करें: ठग के नंबर को ब्लॉक कर दें
- सोशल मीडिया अकाउंट सिक्योर करें: पासवर्ड बदल दें
महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबर
- राष्ट्रीय साइबर क्राइम हेल्पलाइन: 1930
- दिल्ली पुलिस साइबर सेल: Report Here
- मुंबई साइबर क्राइम: 022-22630873
- भारतीय साइबर क्राइम पोर्टल: https://cybercrime.gov.in/
निष्कर्ष
डिजिटल अरेस्ट भारत में तेजी से बढ़ती एक गंभीर साइबर धोखाधड़ी है। सतर्क रहें और याद रखें कि कोई भी सरकारी अधिकारी फोन पर पैसे नहीं मांगता। यदि आपको कोई संदेहास्पद कॉल आता है तो तुरंत पुलिस से संपर्क करें। जागरूकता ही इसका सबसे बड़ा बचाव है।
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[posts--tag:edu--5]धन्यवाद 😊


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